
आप सोच रहे होंगे कि वीनिंग क्या है? आसान शब्दों में अगर कहा जाए, जब आपका बच्चा आवश्यक पोषक तत्वों की दैनिक खुराक को स्तनपान के अलावा अन्य स्रोतों से पूरा करने लगता है, तो उसे वीनिंग अर्थात स्तनपान छुड़वाने का सही समय कहते है।
अब चाहे आपका बच्चा बोतल से दूध पीता हो, फार्मूला फ़ीड लेता हो, चम्मच की मदद से अर्ध ठोस पदार्थ लेता हो, उसकी स्तनपान छोड़ने के प्रक्रिया पहले से ही शुरू हो चुकी है। वीनिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो किसी अन्य प्रक्रिया की तरह ही होती है और अन्य प्रक्रियाओं की तरह ही, स्तनपान छुड़वाने के सही संकेतों का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
वीनिंग यानि कि स्तनपान छोड़ने की शुरुआत, बच्चे और माँ दोनों की तरफ से हो सकती है।
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बच्चे की तरफ से स्तनपान छोड़ने की पहल
जब एक बच्चा खुद ही स्तनपान में दिलचस्पी नहीं दिखता या वह माँ के स्तनों से जुड़ा रहना नहीं चाहता, तो इसे बच्चे की तरफ से स्तनपान छोड़ने की पहल माना जाता है. बच्चा खुद ही यह संकेत देता है कि उसकी पोषक तत्वों की ज़रूरतें अन्य ठोस पदार्थ से पूरी हो रही हैं। जब आपका बच्चा एक वर्ष या उससे अधिक आयु का हो जाएगा, तो आप उससे ऐसे संकेतों की उम्मीद कर सकतें हैं और आप देखेंगी कि उसने स्तनपान भी कम कर दिया है।
जहां तक बच्चे के खुद स्तनपान छोड़ने का संबंध है, जब बच्चा 2 से 4 वर्ष की उम्र के बीच होता है, तो यह स्वाभाविक रूप से कभी भी हो सकता है। और ऐसा तब होता है, जब हम इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करते। लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि क्योंकि हर बच्चा अलग है, तो बच्चे द्वारा स्तनपान छोड़ने की पहल का समय निर्धारित नहीं किया जा सकता, हर बच्चा अलग होता है, अतः इस प्रक्रिया का समय भी अलग हो सकता है।
माँ की तरफ से स्तनपान छुड़वाने की पहल
माँ की तरफ से स्तनपान छुड़वाने की पहल आमतौर पर देखी जाती है। अकसर देखा गया है कि माताएं अपने बच्चे को निर्धारित समय से पहले ही स्तनपान छुड़वाने की पहल कर बैठती हैं। परन्तु, ऐसा करते वक़्त माताएं इस बात को जांचना भूल जाती हैं कि क्या उनका बच्चा स्तनपान छोड़ने को तैयार है या नहीं।
इसलिए विशेषज्ञों द्वारा हमेशा ही इस बात की सिफारिश की जाती है कि माँ को यह पहल करने से पहले काफी धैर्य से काम लेना पड़ता है अर्थात सही समय पर ही स्तनपान छुड़वाने की पहल करनी चाहिए। छोटे बच्चों की भी अलग-अलग भावनात्मक और शारीरिक ज़रूरतें होती हैं। इसलिए निर्धारित समय से पहले स्तनपान छुड़वाने की पहल न करें।
कुछ ऐसे संकेत है, जिनको ध्यान में रखते हुए आप जान सकती हैं कि कहीं आप बच्चे की मर्ज़ी के विपरीत तो नहीं है अर्थात स्तनपान छोड़ने के लिए आपका बच्चा अभी तैयार नहीं है –
- बहुत रोना या चिड़चिड़ा व्यवहार
- बच्चे में आपसे अलग होने की चिंता
- बच्चा रात में अधिक बार जागता है
- बच्चा अचानक किसी और चीज़ से जुड़ने लगता है
- बच्चा निप्पलों पर काटने लगता है, जबकि इससे पहले उसने कभी ऐसा कुछ नहीं किया होता
हालांकि, मैं इस बात का समर्थन करती हूँ कि माँ को स्तनपान छुड़वाने की पहल नहीं करनी चाहिए, परन्तु कामकाजी महिलाओं के लिए ऐसा कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है अर्थात उन्हें पहल करनी ही पड़ती है। लेकिन अगर आप अपने बच्चे की मर्ज़ी के बिना ऐसा कर रहीं है, तो उसके द्वारा दिए जाने वाले संकेतों को अनदेखा न करें। इन्ही संकेतों से आप समझ पाएंगी कि आपका बच्चा इस बदलाव के लिए तैयार है या नहीं।
कृपया इस बात का ध्यान रखें कि वीनिंग (स्तनपान छुड़वाने की पहल) अन्य प्रक्रियाओं की तरह ही एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जैसा मैंने पहले कहा कि कुछ बच्चे यह पहल जल्दी कर लेते हैं, और कुछ इस बदलाव को मानने में बहुत समय लेते हैं। इस पहल को करने से पहले आपको निर्धारित समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए। वास्तव में, विज्ञान ने साबित कर दिया है कि यदि आप स्तनपान छुड़वाने के लिए अपने बच्चे के साथ जबरदस्ती करते हैं, तो बच्चे के व्यवहार में बदलाव आना स्वाभाविक है। आपके ऐसा करने से बच्चा स्तनपान छोड़ने में और देरी कर सकता है।
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याद रखें, आपका ऐसा करना न सिर्फ आपके लिए, बल्कि आपके बच्चे के लिए भी अनावश्यक समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए आपको स्तनपान छुड़वाने की पहल करने से पहले अपने बच्चे द्वारा दिए जाने वाले संकेतों को देखना अति-महत्वपूर्ण है।
इस विषय से सम्बंधित अगर आपके भी कोई प्रश्न हैं, तो कृपया हमें बताएं। हमें आपकी मदद करने में बेहद ख़ुशी होगी।
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