
सभी माताएँ, फिर वो चाहे पहली बार माँ बनी हो या पहले भी बन चुकी हो, यह मानती है कि स्तनपान करवाना कोई आसान काम नहीं है। और नई माताओं के लिए तो स्तनपान और भी कठिन काम है क्योंकि उनको कोई अनुभव नही होता।
शिशु के जन्म के बाद कुछ दिनों तक तो स्तनपान करवाना किसी बड़े चॅलेंज से कम नहीं होता क्योंकि यह वो स्थिति होती है जब आप बहुत ज़्यादा थक चुकी होती है। कई दिनों की खराब नींद स्तनपान को और भी नामुमकिन सा बना देती है। पर ऐसे समय में अगर आप स्तनपान करवाने की कुछ पोज़िशन्स/स्थितियो के बारे में जानती हो जिससे से स्तनपान आसानी से करवाया जा सकता है, और आपको ज़्यादा म्शक़्त भी नहीं करनी पड़ेगी, तो यह सोने पर सुहागा वाली बात होगी; आपने आराम भी कर लिया और बच्चे को स्तनपान भी करवा दिया।
जब बात स्तनपान की आती है तो बहुत से माताएँ सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली पोज़िशन “क्रेडल होल्ड” यानि की बच्चे को ऐसे पकड़ना जैसे उसी पालने से उठाया जाता है, का ही सम्रथन करती है। पर क्या आप जानती है कि इसके इलावा भी कई और पोज़िशन्स/स्थितिया है जिनके इस्तेमाल से आप स्तनपान को आसान और कम थकावट वाला बना सकते हैं।
आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही पोज़िशन्स/स्थितियो के बारे में।
क्रेडल होल्ड
जैसा की उपर बताया गया की क्रेडल होल्ड सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली पोज़िशन है और ज़्यादातर माताएँ इसी पोज़िशन से स्तनपान करवाना पसंद करती है। इस पोज़िशन के लिए आपको सीधा बैठना है और अपनी पीठ को किसी चीज़ का सहारा लगा कर बैठना है। आपने शिशु को ऐसे पकड़ना जैसे उसे पालने से उठाया जाता है और ध्यान रहे कि उसका मुख आपके निपल के समक्ष हो।
अगर आप शिशु को बाईं ओर स्तनपान करवाना चाहतीं है तो उसका सिर आपकी बाईं कलाई पर हो और अपने बाए हाथ से शिशु की पीठ और कूल्हे (हिप) को सहारा दे। इसके साथ-साथ अपने दाहिने हाथ से अपने स्तन को सहारा दे।
अगर आपको महसूस होता है कि आप अपने बच्चे के वज़न की वजह से उसको ठीक से उठा नहीं पा रहीं है तो, बेहतर रहेगा कि आप उसके नीचे कोई तकिया रख ले।
दा क्रॉस क्रेडल होल्ड
यह पोज़िशन काफ़ी हद तक क्रेडल होल्ड जैसी ही होती है। फ़र्क सिर्फ़ हाथ के सहारा देने की पोज़िशन में होता है| जब आप बाएँ स्तन से स्तनपान करवा रहीं हो तो आप अपने स्तन को बाए हाथ से ही सहारा देंगी और बच्चे को दाएँ हाथ से पकड़ेगीं।
शिशु का सिर आपकी तर्जनी उंगली और अंगूठे के बीच की जगह में रहेगा। यह पक्का कर ले की बच्चे का मुख आपके निपल के समक्ष हो। अन्यथा इस पोज़िशन में बच्चा ठीक से दूध नहीं पी पाएगा। उसको पेट की गैस की समस्या के साथ साथ और कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
दा साइड लाइयिंग क्रेडल
यह उपर दी गई दोनों पोज़िशन्स/स्थितियो के मुकाबले में आसान है और आरामदायक भी है। इस पोज़िशन में आपको अपनी साइड पर लेटना है और पीठ को सहारा दे कर तिरछा / साइड पर लेटना है।
बच्चे को पकड़ने का तरीका वही रहेगा जो क्रेडल पोज़िशन में था। अगर बाएँ स्तन से स्तनपान करवा रहीं हैं तो आपने बाएँ हाथ से बच्चे की पीठ और कूल्हे को सपोर्ट दे और दाहिनें हाथ से उसके सिर को सहारा दे।
यह पोज़िशन इस लिए भी ज़्यादा पसंद की जाती है क्योंकि इसमे माताएँ अपने आपको और अपनी पीठ को जरूरत के हिसाब से आराम दे पाती हैं।
दी इनवरटेड साइड लाइयिंग
यह भी एक बहुत ही अच्छी पोज़िशन है। इस में माता को लेटते वक़्त अपने सिर के नीचे एक तकिया रखना होता है। या फिर, अगर आप बाएँ और स्तनपान करवा रहीं है तो आपका बायाँ हाथ आपके सिर के नीचे इस तरह से हो जैसे तकिया रखा जाता है।
आपके बच्चे की पोज़िशन ऐसी होनी चाहिए की उसके पैर आपके सिर कि तरफ हो और सिर के करीब भी हो और मुख निपल के समक्ष हो।
ऐसी भी धारणा है की ऐसी किसी भी पोज़िशन का इस्तेमाल नही करना चाहिए जिसमे आपको दूध पिलाने के लिए अपने बच्चे को लिटाना पड़े क्योंकि इससे बच्चे को कान का संक्रमण/इंफेकशॅन हो सकता है।
पर अगर मेडिकल रिसर्च की बात करे तो उसमे इस धारणा का खंडन किया गया है। रिसर्च के हिसाब से इन पोज़िशन्स/स्थितियो में कोई ख़तरा नही है बशर्ते बच्चे का सिर थोड़ा उपर की और उठा हुआ हो।
अंत मैं मैं यह कहना चाहूँगी की स्तनपान की कोई भी पोज़िशन ग़लत नही होती। बस ध्यान रहे की वो पोज़िशन ना आपके लिए असुविधाजनक हो ना आपके शिशु के लिए और उसके सबसे जरूरी चीज़ यानि माता का दूध ठीक तरीके से और पूरी तरह से मिले।
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