
बेहतर स्तनपान के लिए कौन से आहार लिए जाने चाहिए? स्तनपान के दौरान किन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए? हर माँ इन सवालों का जवाब ज़रूर जानना चाहती है।
मैं स्वयं से कई बार यह सवाल करती थी कि स्तनपान करवाने वाली माताओं को अपनी आहार शैली के प्रति सचेत रहने की इतनी आवश्यकता क्यों होती है? लेकिन, जब मैंने प्रीनेटल और पोस्टनेटल कोर्स शुरू किया, तो समझा कि स्तनपान करवाने वाली माता के लिए उसके द्वारा लिए जाने वाले आहार के प्रति सजग रहना कितना ज़रूरी होता है। जिस दिन मैंने समझा कि कुछ खाद्य पदार्थ मेरे शिशु के लिए हानिकारक हो सकते है, उसी दिन से गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान मैंने इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया।
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1. कैफीन
स्तनपान करवाने वाली माताओं को कैफीन के सेवन से बचना चाहिए, फिर चाहे यह सेवन चाय या कॉफ़ी किसी भी रूप में क्यों न हो। सेवन न करने से मेरा मतलब पूरी तरह से सेवन बंद करना नहीं हैं, बल्कि सेवन को एक नियमित मात्रा में करना है। अगर आप कैफीन का सेवन निश्चित मात्रा तक करती हैं, तो आपके बच्चे को इसका कोई नुकसान नहीं है।
अगर आप भी मेरी तरह चाय-कॉफ़ी के शौक़ीन है, तो दिन में 3-4 कप पीने की बजाए सिर्फ एक कप लें। आपको जान कर शायद हैरानी होगी कि आपके निश्चित मात्रा से ज़्यादा कैफीन लेने पर आपके शिशु को आपकी उम्मीद से कहीं ज़्यादा हानि होती है। आपका शिशु न केवल बेचैन और व्याकुल रहता है, बल्कि उसे सोने में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। कैफीन वैसे भी एक खाद्य पदार्थ कम और नशीली दवा ज़्यादा है।
2. शराब
चाहे गर्भावस्था हो या फिर शिशु के जन्म के बाद स्तनपान की अवधि, शराब का सेवन माताओं के लिए कभी भी सही नहीं गिना जाता। इसमें कोई शक नहीं कि बहुत सी महिलाएं इन दोनों अवधियों (गर्भावस्था या स्तनपान) में शराब के सेवन को गलत नहीं मानती। परन्तु, डॉक्टरों की मानी जाए, तो इसका सेवन पूरी तरह से निषेध है।
अगर आप स्तनपान करवाती है और शराब का सेवन भी करती है, तो आपको तब तक स्तनपान नहीं करवाना है जब तक शराब का असर आपके खून से निकल न जाए। आसान शब्दों में कहूं, तो आपको तब तक स्तनपान नहीं करवाना है, जब तक आपका नशा न उतर जाए और आपको सिर भारी लगना बंद हो जाए।
3. मसाले
मुझे मेरी माँ हमेशा कहती थी कि स्तनपान करवाने वाली माताओं को हमेशा कम मसाले वाला भोजन खाना चाहिए। आपके तेज़ मसाले वाला भोजन करने से आपके शिशु को शौच के वक़्त परेशानी पैदा (जलन का अहसास) हो सकती है। इस बात का मैंने निजी तौर पर भी अनुभव किया है। मेरे तीखा खाने से न सिर्फ शिशु को शौच करने के वक़्त जलन होती थी, बल्कि उसका वह हिस्सा लाल भी हो जाता था।
मैंने महसूस किया कि कैसे मेरे मसाले वाले भोजन बंद करने पर मेरे शिशु की इस समस्या का चुटकियों में समाधान हो गया। अगर आप बहुत ज़्यादा तीखा खाने की शौक़ीन है, तो मेरी आपसे विनती है कि स्तनपान की अवधि के दौरान अपने स्वाद में थोड़ा बदलाव लाएं क्योंकि इससे आपके शिशु को बहुत आराम रहेगा।
4. सब्ज़ियां जिनसे पेट की गैस होती है
अगर आपके शिशु को कभी पेट गैस की समस्या, से गुज़रना पड़ा हो, तो आप जानती ही होंगी कि शिशु के लिए यह कितनी पीड़ाजनक होती है। जब मैंने स्तनपान और इसके प्रभावों के बारे में पूरी तरह से पढ़ा, तब ही मैं जान पाई कि कैसे मेरे द्वारा लिया गया गलत आहार मेरे शिशु को प्रभावित कर सकता है। जिस भोजन से मुझे गैस हो सकती है, उससे मेरे शिशु को कितनी समस्या हो सकती है, यह मुझे मेरी इस गलती के बाद मेरे शिशु को होने वाली तकलीफ से ही समझ आया।
ब्रोकोली, फूलगोभी, मूली, हरी मिर्च, गाजर, मटर, बीन्स, खीरे और गोभी जैसी सब्जियां गैस का कारण बन सकती हैं।
अब यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि अगर आपको गैस की समस्या, है, तो ज़ाहिर है कि आप इसे अपने बच्चे को भी देंगे और जितनी असुविधा का अहसास आपको होगा, उससे कहीं ज़्यादा आपके शिशु को होगा।
5. मछली
यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसका सेवन मैंने अपनी गर्भावस्था में और स्तनपान के दौरान पूरी तरह से नकारा। मेरे ऐसा करने के पीछे का कारण मछली में पाया जाने वाला पारा (मरकरी) था। पारा आपके बच्चे के विकासशील मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि पारा और इसके तत्वों की मामूली सी मात्रा भी आपके शिशु के दिमाग और नर्वस सिस्टम को जोखिम में डाल सकती है।
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, मुझे नहीं लगता कि मछली का सेवन एक अच्छा विकल्प है। आपको अपने आहार से मछली बिल्कुल निकाल देनी चाहिए, कम-से-कम जब आप गर्भवती हों या स्तनपान करवा रहीं हों।
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इसमें कोई आशंका नहीं है कि बहुत से खाद्य पदार्थों का आपके शिशु पर गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए गर्भावस्था और शिशु के कम-से-कम पहले 6 महीने तक इन आहार प्रतिबंधों का पालन किया जाना चाहिए।
इन दोनों अवधियों में आपने कौन-कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन बिलकुल नहीं किया था? क्या आपके पास भी उन खाद्य पदार्थों की कोई सूचीहै? इस विषय में आपकी क्या राय है?
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