बच्चों के कान में इन्फेक्शन के कारण एवं लक्षणों के बारे में

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बढ़ती उम्र के साथ बच्चों को कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और कानों में इन्फेक्शन भी इनमें से एक है। 6 महीने से 3 साल तक के बच्चों के कान में इन्फेक्शन होने की संभावनाएं अधिक होती है। अब अगर आपका शिशु भी उम्र के इसी पड़ाव से गुज़र रहा है और आपको लगता है कि उसे कानों में इन्फेक्शन हो सकता है, तो इसकी पुष्टि करने के लिए हमारा यह लेख पढ़ें।

बच्चों के कान में इन्फेक्शन बहुत ही सामान्य बात है। ऐसा क्यों?
  • बच्चों में इस इन्फेक्शन के होने का खतरा बना ही रहता है क्योंकि बच्चे खेलकूद के समय लापरवाह हो जाते हैं। वह कई बार ऐसे बच्चों के सम्पर्क में आ जाते हैं, जो पहले से ही ऐसे किसी इन्फेक्शन से पीड़ित होते हैं। दूसरे बच्चों से इस तरह के इन्फेक्शन होना बहुत ही सामान्य बात है और ज़्यादातर मामलों में यह नज़रअंदाज़ भी हो जाते हैं।

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बच्चों के कानों में इन्फेक्शन के लक्षण
  • बहुत ही सामान्य सी बात है कि जब भी हमारा शरीर किसी इन्फेक्शन की चपेट में आता है, तो हमें बुखार हो जाता है। कई बार हम ऐसे किसी बुखार के पीछे का कारण नहीं समझ पाते, पर बुखार के पीछे किसी न किसी कारण का होना बहुत ज़रूरी होता है।
  • क्या आपका बच्चा सामान्य से अधिक व्याकुलता दिखा रहा है अर्थात बहुत ज़्यादा रो रहा है या परेशान है? अगर ऐसा है, यह शरीर में किसी इन्फेक्शन की ओर इशारा कर रहा है।
  • वह कितना सो रहा है? क्या वह सामान्य की तरह ही सो रहा है या उसे सोने में परेशानी हो रही है?

अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।

  • क्या आपने उसे खुद का कान खींचते या खुजलाते हुए देखा है? यह एक सबसे स्पष्ट संकेत है जो आपको कानों में इन्फेक्शन के बारे में बताता है।
  • क्या आपका बच्चा धीमी आवाज़ का जवाब दे रहा है? यदि नहीं, तो आपको उसे कान रोग विशेषज्ञ के पास ले जाने में देरी नहीं करनी चाहिए।
  • क्या आपने बच्चे के कान से किसी प्रकार के तरल पदार्थ को निकलते हुए देखा है?

जहां कुछ बच्चे इन लक्षणों को पूरी तरह दिखाते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ बच्चे इनमें से एक या दो लक्षण ही दिखाते हैं। लेकिन आपको इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके एक कान रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।

मैंने बहुत से ऐसे माता-पिता देखे हैं, जिनका मानना है कि क्योंकि बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत मज़बूत है, तो इस प्रकार के इन्फेक्शन अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन यह एक बहुत बढ़ी गलतफहमी है। आपको समझना चाहिए कि अगर इस प्रकार के इन्फेक्शन को अनुपचारित छोड़ा जाए, तो यह आगे चल कर किसी बड़ी समस्या का कारण भी बन सकता है। इससे न सिर्फ बच्चे के सुनने की शक्ति पर प्रभाव पड़ सकता है, बल्कि शिशु के पूरे व्यक्तित्व को ख़राब कर सकता है। इसलिए, ऐसे इन्फेक्शन के संकेतों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

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यह भी ध्यान रखें कि किसी भी समय आपको लगता है कि आपका बच्चा सामान्य से अधिक बीमार है, कान के पीछे सूजन है, त्वचा पर दाने या वह कान में दर्द के संकेत दे रहा है, तो बिना देर किए उसे किसी कान रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं।

क्या आपके बच्चे को कभी भी कान का इन्फेक्शन हुआ है? क्या आप जान पाए थे कि उसे यह कैसे हुआ था। पता लगने पर आपने इसका कैसे इलाज किया? क्या आपने भी घरेलु उपचार किए थे या फिर डॉक्टर की सलाह ली थी? इस विषय में अपना अनुभव हमारे पाठकों से ज़रूर बांटे।

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